हर मौसम अच्छा होता है
कुदरत का तोहफा होता है
तोहफा सस्ता हो या महँगा
जो भी दे दाता होता है
गर्मी ठन्डे जूस पिलाये
फल सब्जी खूब खीलाये
हलके फुल्के पहेराहन का
बच्चा बच्चा लुत्फ़ उठाये
लेकिन कब तक रहेती गर्मी
उसके दिल में भी है नरमी
बोली हम से जाते जाते
गोरी बहेना है श्रीमती
श्याम बहेन दिल में मुस्काई
गोरी सर्दी हसती आई
छुट्टी मिल गयी उकताहट से
मोटे ऊनी कपडे लेकर आई
मोज़े जूते इज्ज़त पाये
पालिश से चेहरा चमकाये
टोपी मफलर सदरि लोट
बच्चो बुढो को गरमाये
खाने की तो बात ना पूछो
क्या क्या खाते यह सोचो
भाप उडती जब पकवानो से
मुह में पानी आये देखो
अंडा गोश्त दूध मालई
है सर्दी में सब ले भाई
पूरी पराठा शीरमाल
खाकर गाल में सुर्खी आई
आग बड़ी नेअमत भी है
सर्दी की हाजत भी है
उल्फत की जब आग जलेंगी
नफरत की फिर दीवार गिरेंगी
कुदरत का तोहफा होता है
तोहफा सस्ता हो या महँगा
जो भी दे दाता होता है
गर्मी ठन्डे जूस पिलाये
फल सब्जी खूब खीलाये
हलके फुल्के पहेराहन का
बच्चा बच्चा लुत्फ़ उठाये
लेकिन कब तक रहेती गर्मी
उसके दिल में भी है नरमी
बोली हम से जाते जाते
गोरी बहेना है श्रीमती
श्याम बहेन दिल में मुस्काई
गोरी सर्दी हसती आई
छुट्टी मिल गयी उकताहट से
मोटे ऊनी कपडे लेकर आई
मोज़े जूते इज्ज़त पाये
पालिश से चेहरा चमकाये
टोपी मफलर सदरि लोट
बच्चो बुढो को गरमाये
खाने की तो बात ना पूछो
क्या क्या खाते यह सोचो
भाप उडती जब पकवानो से
मुह में पानी आये देखो
अंडा गोश्त दूध मालई
है सर्दी में सब ले भाई
पूरी पराठा शीरमाल
खाकर गाल में सुर्खी आई
आग बड़ी नेअमत भी है
सर्दी की हाजत भी है
उल्फत की जब आग जलेंगी
नफरत की फिर दीवार गिरेंगी
0 comments:
Post a Comment