Funny Story In Hindi
Best Funny Story In Hindi : इससे पहले भी हमने बहुत सी Story read की है आज कुछ Funny होजाये। इस Story को आपने आखिर तक पढ़ना है मैं आपको suggest करूँगा और और आप इसे पढ़ते है तो आप Share करे बिना यहाँ से नहीं लौटेंगे क्यों ? है ही मज़ेदार और Funny Hindi Story इसी तरह की same Story आप पढ़ सकते है हर आदमी को खुश नहीं किया जा सकता Hindi Story और आईना । Best Funny Story In HindiHindi Funny Story
गर्मियों की छुट्टीयो में बच्चे बहन भाई दादा जान के घर रहने गए हुए थे। रात को सभी बच्चे दादा जान के पास कहानी सुनने के इन्तेज़ार में बैठे हुए थे दादा के आते सभी बच्चे शोर मचने लगे दादा जान हमें कहानी सुनाइये लेकिन वह नहीं मान रहे थे आखिर वह इस शर्त पर माने के आप पहले कहानी सुनाओंगे। जब बच्चे कहानी सुना चुके तब दादा जान ने अपनी कहानी शुरू की।
दादा जान ने कहा इस कहानी के चार हिस्से है पहला सुनो : बहन किचन में चपातीयाँ बना रही थी भाई उसके पास खड़ा देख रहा था एक चपाती जल गयी तो जोर से भाई ने कहा : अरे ! तुमने यह क्या कर दिया ?
"तडाख " बहन ने भाई को जोर से थप्पड़ मारा और बोली : "चपातियाँ मैं बना रही हु या तुम ?
इतनी कहानी सुनाने के बाद दादा जान उठे और फ्रिज में से चॉकलेट्स निकाले और बच्चो को दिए और खुद भी खाये। उसके बाद कहानी जहा से छोड़ी थी फिर वही से शुरु की ।
कहानी का दूसरा हिस्सा यह है के पति गाडी चला रहा था उसकी बीवी अगली सीट पर बैठी देख रही थी पति बहुत जोर से गाडी चला रहा था अचानक बीवी ने कहा तुम गाडी बहुत तेज़ चलाते हो ?
तडाख पति ने एक थप्पड़ मारी और कहा गाडी मैं चला रहा हूँ या तुम?
यह कह कर दादा जान फिर फ्रिज की तरफ उठे और चॉकलेट्स लाकर सब बच्चो को दी और खुद भी खायी। कहानी फिर से सुनानी शुरु की और कहा
कहानी का चौथा हिस्सा ......
बच्चो ने बात को कांट कर कहा मगर चौथा हिस्सा तो तीसरे के पहले कैसे आगया ?
तडाख ,तडाख.... दादा जान ने धीरे से बच्चो थप्पड़ मारी और कहा कहानी मैं सुना रहा हूँ या तुम?
Moral : इस Story का Moral आप समझ ही गए होंगे फिर भी मैं बता देता हूँ की हमें कभी भी किसी के बीच में नहीं बोलना चाहिये।
दोस्तों यह Funny Story In Hindi पसंद आयी या नहीं कैसी लगी आपको यह comment करके हमें ज़रूर बताये और शेयर करना न भूले।
कहानी का दूसरा हिस्सा यह है के पति गाडी चला रहा था उसकी बीवी अगली सीट पर बैठी देख रही थी पति बहुत जोर से गाडी चला रहा था अचानक बीवी ने कहा तुम गाडी बहुत तेज़ चलाते हो ?
तडाख पति ने एक थप्पड़ मारी और कहा गाडी मैं चला रहा हूँ या तुम?
यह कह कर दादा जान फिर फ्रिज की तरफ उठे और चॉकलेट्स लाकर सब बच्चो को दी और खुद भी खायी। कहानी फिर से सुनानी शुरु की और कहा
कहानी का चौथा हिस्सा ......
बच्चो ने बात को कांट कर कहा मगर चौथा हिस्सा तो तीसरे के पहले कैसे आगया ?
तडाख ,तडाख.... दादा जान ने धीरे से बच्चो थप्पड़ मारी और कहा कहानी मैं सुना रहा हूँ या तुम?
Moral : इस Story का Moral आप समझ ही गए होंगे फिर भी मैं बता देता हूँ की हमें कभी भी किसी के बीच में नहीं बोलना चाहिये।
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