True Friends Best Moral Story In Hindi आज हम पढ़ेंगे इससे पहले भी हमने बहुत सी Story Read की थी। जैसे आईना Best funny story in hindi , Top Motivational Stories Read की थी। आज हम इसी तरह की एक और Story लेकर आये है उम्मीद है आपको पसंद आएँगी।
Hindi Moral Story
आज फिर हेमंत का पेन उस के बैग से सागर के गायब करने का चर्चा क्लास में चल रहा था के उसकी यह बुरी आदत कब छूटेंगी उसे ज़रा भी अहेसास नहीं होता के अपने दोस्तों के पेन किताबे क्यों चुराता है ? स्कूल के सभी विद्यार्थी उससे परेशान थे। ख़ास कर हेमंत उस्से बहुत परेशान था। चूंकि सागर हेमंत के पास ही बैठता था। सागर को कोई अपने पास बैठाता नहीं था लेकिन हेमंत के पास वह बैठ जाता था। इसी वजह से सभी दोस्त हेमंत को डरपोक और बुजदिल समझते थे। घर पर हेमंत को अपने माता पिता से डांट सुनने को मिलती थी के वह अपना सामान खो देता है। इसी तरह हेमंत बहुत उलझन और सोच में था के सागर की यह बुरी आदत किस तरह से चुदाई जाए। एक दिन हेमंत को एक आइडिया समझ में आया।
अगले दिन हेमंत स्कूल आया उसने चुपके से एक पेन और एक पत्र सागर के बैग में रखा जिस में लिखा था :
मेरे प्यारे दोस्त सागर खुश रहो,
मैं यह पत्र इस लिए रख रहा हूँ के आज से तुम्हारे बैग में अपनी पेन मैं खुद रख दिया करूंगा और तुम्हे मेरी पेन चुराने का पाप भी नहीं मिलेंगा। इस लिए मैं खुद अपना पेन आपकी बैग में रख दिया करूंगा और आप पाप से बच जाओंगे।
तुम्हारा दोस्त - हेमंत
हेमंत ने यह पत्र और पेन चुपके से सागर के बैग में रखा। सागर ने छुट्टी के बाद घर पहुँच कर वह पत्र देखा तो वह तुरंत हेमंत के घर पहुंचा और हेमंत के घर का दरवाज़ा खटखटाया हेमंत ने जैसी ही दरवाज़ा खोला तो सामने सागर के हाथो में बहुत सारे पेन थे। और आँखों में आंसू। सागर ने पेन देते हुए कहा तूने मेरी आँखे खोल दी मुझे माफ करना मैंने तुम्हारे बहुत सारे पेन चुराए है और तुम्हे बहुत परेशान किया है। घर में मेरी वजह से डांट सुन्नी पड़ती थी मैंने जिसके भी पेन और किताबे चुराई है सब को लौटा दूंगा। हेमंत ने आगे बढ़कर सागर को गले से लगाया और कहा आज मैं बहुत खुश हूँ इस ख़ुशी के मौके पर आपको यह सभी पेने गिफ्ट करता हूँ। इंकार मत करना। अगर तुम यह रख लेते हो तो मैं समझूंगा आप मेरे सच्चे दोस्त हो। फिर स्कूल के दोस्त मुझे बुजदिल नहीं समझेंगे। सागर ने हेमंत को गले लगाकर कहा : सच में तुम मेरे सच्चे दोस्त हो आज मुझे दुसरो की चीज़े चुराने पर जितना दुःख हो रहा है उतनी ख़ुशी आपकी दोस्ती पर हो रही है।
Moral : इस Story से हमें Moral मिलता है की हमने बचपन की ख़राब आदतों (Bad Habbits ) को छोड़ देना चाहिए और अपने छोटो को भी सीखना चाहिए।
बुद्धिमान जीत गया। Moral Story In Hindi
हर आदमी को खुश नहीं किया जा सकता Hindi Story
Moral Hindi Story
बचपन से जुडी कुछ आदते ऐसी होती है जो आगे जल्दी से नहीं छूटती जैसे : पैर हाथ अच्छी तरह से नहीं धोना , सुबह सवेरे टूथ पेस्ट ना करना , किसी के यहाँ जाना और कुछ उठाकर ले आना , या फिर अपने स्कूल में अपने दोस्तों के पेन चुराना। इसी तरह बचपन की और भी ख़राब आदते होती है जिन पर ध्यान ना दिया जाए तो यह छुटती नहीं। और फिर आगे चल कर बच्चो को बहुत शर्मिंदा होना पड़ता है। इन आदतों के अलावा और भी बुरी आदते होती है अगर उसी वक़्त बच्चो के माँ बाप ने या दोस्तों ने उस पर रोक नहीं लगाई तो आगे सब को बहुत पछतावा होता है। आज इसी तरह से दो सच्चे दोस्तों की कहानी हम पढेंगे।Hindi Moral Story
आज फिर हेमंत का पेन उस के बैग से सागर के गायब करने का चर्चा क्लास में चल रहा था के उसकी यह बुरी आदत कब छूटेंगी उसे ज़रा भी अहेसास नहीं होता के अपने दोस्तों के पेन किताबे क्यों चुराता है ? स्कूल के सभी विद्यार्थी उससे परेशान थे। ख़ास कर हेमंत उस्से बहुत परेशान था। चूंकि सागर हेमंत के पास ही बैठता था। सागर को कोई अपने पास बैठाता नहीं था लेकिन हेमंत के पास वह बैठ जाता था। इसी वजह से सभी दोस्त हेमंत को डरपोक और बुजदिल समझते थे। घर पर हेमंत को अपने माता पिता से डांट सुनने को मिलती थी के वह अपना सामान खो देता है। इसी तरह हेमंत बहुत उलझन और सोच में था के सागर की यह बुरी आदत किस तरह से चुदाई जाए। एक दिन हेमंत को एक आइडिया समझ में आया।
अगले दिन हेमंत स्कूल आया उसने चुपके से एक पेन और एक पत्र सागर के बैग में रखा जिस में लिखा था :
मेरे प्यारे दोस्त सागर खुश रहो,
मैं यह पत्र इस लिए रख रहा हूँ के आज से तुम्हारे बैग में अपनी पेन मैं खुद रख दिया करूंगा और तुम्हे मेरी पेन चुराने का पाप भी नहीं मिलेंगा। इस लिए मैं खुद अपना पेन आपकी बैग में रख दिया करूंगा और आप पाप से बच जाओंगे।
तुम्हारा दोस्त - हेमंत
हेमंत ने यह पत्र और पेन चुपके से सागर के बैग में रखा। सागर ने छुट्टी के बाद घर पहुँच कर वह पत्र देखा तो वह तुरंत हेमंत के घर पहुंचा और हेमंत के घर का दरवाज़ा खटखटाया हेमंत ने जैसी ही दरवाज़ा खोला तो सामने सागर के हाथो में बहुत सारे पेन थे। और आँखों में आंसू। सागर ने पेन देते हुए कहा तूने मेरी आँखे खोल दी मुझे माफ करना मैंने तुम्हारे बहुत सारे पेन चुराए है और तुम्हे बहुत परेशान किया है। घर में मेरी वजह से डांट सुन्नी पड़ती थी मैंने जिसके भी पेन और किताबे चुराई है सब को लौटा दूंगा। हेमंत ने आगे बढ़कर सागर को गले से लगाया और कहा आज मैं बहुत खुश हूँ इस ख़ुशी के मौके पर आपको यह सभी पेने गिफ्ट करता हूँ। इंकार मत करना। अगर तुम यह रख लेते हो तो मैं समझूंगा आप मेरे सच्चे दोस्त हो। फिर स्कूल के दोस्त मुझे बुजदिल नहीं समझेंगे। सागर ने हेमंत को गले लगाकर कहा : सच में तुम मेरे सच्चे दोस्त हो आज मुझे दुसरो की चीज़े चुराने पर जितना दुःख हो रहा है उतनी ख़ुशी आपकी दोस्ती पर हो रही है।
Moral : इस Story से हमें Moral मिलता है की हमने बचपन की ख़राब आदतों (Bad Habbits ) को छोड़ देना चाहिए और अपने छोटो को भी सीखना चाहिए।
बुद्धिमान जीत गया। Moral Story In Hindi
हर आदमी को खुश नहीं किया जा सकता Hindi Story
0 comments:
Post a Comment