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Thursday, 10 January 2019

लालची कुम्हार की कहानी - Lalach Buri Bala Hai Hindi Story

लालच की सजा पिछली पोस्ट में हम लालची ताजिर की कहानी पढ़ चुके है. आपने लालच पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी है मुझे पता है. लेकिन यह Short Story आप ज़रूर पढ़े उम्मीद है आपको यह कहानी पसंद आयेंगी. इस कहानी को आखिर तक पढ़े और इसे अपने दोस्तों के साथ share करना ना भूले. इस Story को पढ़कर हमें comment में बताये कहानी आपको कैसी लगी.

लालची कुम्हार - हिन्दी कहानी

           बहुत पुरानी बात है गाँव में एक कुम्हार रहता था। उसका नाम लाल देन था। उसके हाथ के मिटटी के बर्तन सारे गाँव में मशहूर थे गाँव के करीब एक नहर थी वो अपने बर्तनों के लिए मिटटी वही से लाता था। वह बहुत ग़रीब था लेकिन लालची भी था। उसे बर्तन बनाने में बहुत वक़्त लगता था और दिन ब दिन उसके बर्तनों की कीमत कम हो रही थी।

     एक दिन लाल देन अपने गधे के साथ मिटटी लेने जा रहा था दोपहर का वक़्त था वह जल्दी जल्दी उस जगह पर पहुँच गया जहा से वह मिटटी निकालता था। वहां पहुच कर उसने मिटटी खोदनी शुरू की। अभी ये खोद ही रहा था की उसे एक सुराख़ दिखाई दिया उसने और खोद कर सुराख बड़ा किया उस के अन्दर से निकलने वाली रौशनी देख कर वह दांग रह गया। उससे निकलने वाली रौशनी हीरो की थी।

     लाल देन कभी गधे को देखता तो कभी हीरों को देखता उसने हीरो को भरना शुरू किया वह काफी हिरे भर चूका था। कुछ ही देर में अचानक उसकी नज़र सांप पर पड़ी जो हीरो के बीच बैठा था। वो डर गया । मगर लालच था के कम ना होता उसने सोचा की कुछ और हीरे समेट लू। यह सोच कर उसने जैसे ही हीरो की तरफ अपना हाथ बढाया अचानक सांप ने उसे डस लिया सांप का ज़हर इतना था की वह मर गया और वह वही ढेर होगया। हीरो का खज़ाना वही पड़ा रह गया।

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